पुलिस कमिश्नरेट भोपाल के सभी थानों में साइबर डेस्क प्रारंभ

थाना हबीबगंज के अंतर्गत आज साइबर सहायता डेस्क का हुआ उद्घाटन

• भोपाल मध्य प्रदेश का ऐसा जिला बन गया है जहाँ पर आज सभी थानों में हेल्प डेस्क प्रारंभ

• अब नागरिक कर सकेंगे अपने निवास के नज़दीकी थाना पर ही साइबर की शिकायत

•पाँच लाख तक के फ्रॉड के आवेदन लिए जाएंगे थाना हेल्प डेस्क पर

• हेल्प डेस्क पर साइबर फ्रॉड की शिकायत आवेदन लेने के साथ साथ इन पर त्वरित अनुसंधान भी

• शिकायत जाँच/ अनुसंधान हेतु प्रत्येक थाने में 10 से अधिक कर्मचारियों को किया गया प्रशिक्षित

• संपूर्ण कमीशनरेट ने अन्तर्गत 500 से अधिक कर्मचारी क्राइम ब्रांच की सायबर शाखा द्वारा प्रशिक्षित

• प्रत्येक DCP स्तर के अलावा सभी थानों की होगी अपनी अपनी टेक्निकल सेल

• एक अनुसंधान में दक्षता हेतु तकनीकी रूप से किया गया सक्षम

पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायणाचारी मिश्र, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त भोपाल श्री पंकज श्रीवास्तव, पुलिस उपायुक्त अपराध श्री अखिल पटेल, पुलिस उपायुक्त जोन-01 प्रियंका शुक्ला, पुलिस उपायुक्त जोन-02 श्री संजय अग्रवाल, पुलिस उपायुक्त जोन-03 श्री रियाज इकबाल, पुलिस उपायुक्त जोन-04 श्री संजय सिंह पवांर पुलिस उपायुक्त मुख्यालय श्रद्धा तिवारी, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अपराध श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रश्मि अग्रवाल द्वारा आज प्रात: हबीबगंज थाना में किया गया । इस कार्यक्रम में कमिश्नरेट के अन्य सभी अधिकारी भी उपस्थित रहे ।

दिनांक 01.12.2024 से भोपाल में सायबर हेल्प डेस्क ने विधिवत् कार्य करना प्रारम्भ कर दिया हैं । पुलिस आयुक्त श्री हरिनारायण चारी मिश्र द्वारा सायबर डेस्क का उद्घाटन हबीबगंज थाने किया गया । इस अवसर पर कमिश्नरेट के सभी वरिष्ठ अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी भी उपस्थित थे । इस दौरान थाने पर सायबर फ्राड के पीड़ितो की शिकायत भी दर्ज की गई ।
भोपाल म.प्र. का ऐसा जिला बन गया हैं जहां पर आज से सभी थानो में सायबर हेल्प डेस्क कार्य करना प्रारम्भ कर रही है । पहले अधिकांश शिकायते सायबर सेल में की जाती थी । इस प्रक्रिया से सभी नागरिकों को अपने निवास के नजदीकी थाने में ही शिकायत करने में सहूलियत होगी । इससे समय की बचत तो होगी ही साथ ही साथ पैसा फ्रीज करने की और जांच प्रक्रिया भी ठीक से प्रारंभ हो सकेगी ।

पांच लाख तक की फ्राड राशि के शिकायत आवेदन पर जांच की कार्यवाही संबंधित थाने द्वारा की जावेगी । जबकि 5 लाख से अधिक के अपराध के आवेदन सायबर क्राइम में दिए जा सकेंगे । सायबर सहायता डेस्क प्रारंभ करने के पूर्व सभी थाने को जांच की प्रक्रिया मे प्रशिक्षित किया गया हैं । एक सप्ताह का सायबर अनुसंधान का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसके माध्यम से एसीपी से लेकर आरक्षक स्तर के सभी कर्मचारियों को इसमें प्रशिक्षित किया गया हैं । इस तरह प्रत्येक थाने से 10 से अधिक कर्मचारी प्रशिक्षित किए गए थे । कमिश्नरेट के अंतर्गत लगभग 500 कर्मचारी सायबर फ्राड की शिकायत एवं अनुसंधान में प्रशिक्षित किए जा चुके हैं ।

आवेदक से क्या-क्या जानकारी प्राप्त करनी हैं और टैलीकॉम कंपनी व बैंको से किस तरह पत्राचार किया जाना हैं का विस्तृत रूप से प्रशिक्षण दिया गया था । इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया से संबंधित शिकायतों पर फेसबुक, इस्टाग्राम, टेलीग्राम, गूगल, जीमेल इत्यादि से पत्राचार की प्रक्रिया समझाई गई थी । थानों की सायबर डेस्क को जांच एवं विवेचना में क्षमतावान बनाने के लिए प्रत्येक थाने की टेक्निकल सेल भी बनाई जा रही हैं । पूर्व में भी टेक्निकल सेल डीसीपी कार्यालय में काम करती थी ।थाना स्तर पर टेक्निकल सेल बनाने से थानों की विश्लेशण क्षमता बढ़ेगी इससे शिकायतों के निराकरण एवं अपराधियों के धरपकड़ में तेजी आएगी ।

थाने की हेल्प डेस्क द्वारा NCCPR- cyber crime पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा रही हैं । एवं CIER PORTAL पर गुम मोबाइल के आवेदन थाना स्तर पर किए जा रहे हैं । पीड़ित स्वयं भी गुम मोबाइल का आवेदन पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं । JMIS Portal के समन्वय द्वारा अन्य राज्यों में नोटिस तामिल किए जा सकेंगे । संदेही मोबाइल नं एवं खाता नं से अन्य राज्यों में किए जाने वाले अपराध एवं गिरफ्तारियों की जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगीं । आई- 9 साफ्टवेयर द्वारा तकनीकि विश्लेषण किया जा सकेगा ।

keyboard_arrow_up
Skip to content