सनसनीखेज डिजिटल अरेस्ट मामले मे पहली गिरफ्तारी, एक आरोपी फरार, डिजिटल अरेस्ट करने वाले शातिर गिरोह को फर्जी तरीके से सिम एक्टिवेट कर देने वाले आरोपी को सायबर क्राईम ब्रांच भोपाल ने महोबा उ.प्र. से किया गिऱफ्तार
• आधारकार्ड अपडेट के नाम पर किया e-KYC/ d-KYC ।
• इन्ही सिमो से सायबर अपराधी करते है ठगी।
• घर-घर जाके अलग-अलग गॉव मे फ्री मे सिम देने का देता था झांसा।
• एक बार मे 2 सिम निकाल लेता था, एक सिम ग्राहक को देकर दूसरी सिम स्वंय रख लेता था।
• ठगी करने वाले गिरोह को फर्जी सिम देकर मोटी रकम लेता था।
• लगभग 150 सिमो को सायबर अपराधियो के दे चुका है।
भोपाल:- दिनांक 28/11/2024–पुलिस आयुक्त (CP) श्री हरिनारायणाचारी मिश्र, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) श्री पंकज श्रीवास्तव के दिशा निर्देशों पर एवं पुलिस उपायुक्त (DCP) अपराध – श्री अखिल पटेल, एवं सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) सायबर श्री सुजीत तिवारी के मार्गदर्शन में क्राईम ब्रान्च (सायबर) जिला भोपाल की टीम ने हाउस अरेस्ट मामले में ठगी करने वाले सातिर गिरोह को सिमकार्ड उपलब्ध कराने वाले एय़रटेल कम्पनी के पीओएस एजेंट को गिरफ्तार कर भेजा सलाखो के पीछे।
घटनाक्रम :- दिनांक 27.11.2024 फरियादी प्रमोद कुमार पिता श्री ओमप्रकाश उम्र 38 साल नि. म.न.10 गायत्री नगर करारिया थाना बजरिया भोपाल जो कि वोडा-आईडिया मे फील्ड इंजीनियर है, का शिकायत आवेदन पत्र अग्रिम वैधानिक कार्यवाही हेतु प्राप्त हुआ। कि दिनांक 12/11/24 को शाम को आवेदक के पास एक अज्ञात मो.न. से कॉल आया जिसने अपना नाम राहुल कुमार बताया और बोलने लगा की मै टेलीकॉम रेगुलर ऑथॉरिटी से बात कर रहा हूं, आपके आधार कार्ड से एक सिमकार्ड मुंबई मे लिया गया है।
जिसका उपयोग गैर कानूनी कार्य मे किए जा रहा है, फिर कुछ देर बाद मेरे पास एक अज्ञात व्हाट्सएप मो.न. से कॉल आया और बोलने लगा की मै मुंबई क्राईम ब्रांच से बात कर रहा हूं। आपके आधार कार्ड से जो मोबाईल नम्बर लिया गया है उससे गैर कानूनी कार्य किया जा रहा है फिर उन लोगो ने मुझे डराने के लिए एक अज्ञात व्हाट्सएप मो.न. से आवेदक के पास सीबीआई के नाम से तीन फर्जी पत्र भेजे । जिन्हे देख कर तथा इससे बचने के लिये 3,50,000/-रू जमा कराने का बोला और पैसा जमा न करने की स्थिति मे आवेदक के विरूध्द सीबीआई के माध्यम से कार्यवाही करने की बोला। फिर थोडी देर बाद व्हाट्सएप कॉल पर एक आदमी आवेदक के सामने पुलिस की वर्दी मे आया और अपने आपको सीबीआई का अधिकारी बताते हुए कहने लगा की अगर तुमने अभी 3,50,000/-रू जमा नही किए तो तुम्हारे विरूध्द गिरफ्तारी वारंट जारी कर देगें और भोपाल आकर गिरफ्तारी करेगे। घटना की सूचना मिलने पर डिजिटल अरेस्ट की संवेदनशीलता देखते हुये अति.पुलिस उपायुक्त(Add. DCP) श्री शैलेन्द्र सिंह चौहान एंव सहायक पुलिस आयुक्त श्री मुख्तार कुरैशी के द्वारा घटना स्थल पर पहुंचकर पीडित को सांत्वना व समझाईस देकर डिजिटल अरेस्ट से मुक्त कराया गया । पीडित परिवार बहुत ही घबराया हुआ था, यदि तुरन्त पुलिस समय पर नही पहुंचती तो पीडित के साथ बडा फ्राड हो सकता था।
आवेदन जांच पर आए तथ्यो एवं प्राप्त तकनीकि जानकारी के आधार पर थाना क्राईम ब्रांच मे अपराध क्र. 181/2024 धारा 319(2), ,308(2),336(2),336(3),340(2),61(2) BNS, 66(C), 66(D) IT ACT का कायम कर विवेचना में लिया गया। जिसको गंभीरता से लेते हुये वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में त्वरित कार्यवाही प्रारंभ की गई।
तरीका वारदात:– आरोपीगण Telecom Regulatory Authority of India व सीबीआई के अधिकारी बनकर लोगो को बोलते थे कि तुम्हारे आधार कार्ड से जो सिम ली गई है वो किसी गैरकानूनी गतिविधि मे संलिप्त है और इसके लिये आरोपी फरियादी को विडियो कॉल करके फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर डिजिटली अरेस्ट करने का कहकर फरियादी को एक कमरे मे जाने के लिये बोलकर पूछताछ के नाम पर कानूनी कार्यवाही से बचने के लिये बैंक खातो मे रुपये जमा करने का कहते थे। प्रकरण मे जांच मे आये तथ्यो के आधार पर एयरटेल कम्पनी का एजेन्ट गिरफ्तार आरोपी धीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा जो ग्रामीण क्षेत्रो मे जाकर लोगो को फ्री मे सिमकार्ड देने का झांसा देकर सिम एक्टिव करने की प्रोसेस करता और बोलता कि आपके आधार मे कुछ गडबढी है आपको सिम के लिये फिर से प्रोसेस कराना होगा और उसी व्यक्ति के नाम की 02 सिम एक्टिवेट कर लेता था, 01 सिम स्वंय रख कर दूसरी सिम ग्राहक को दे देता था। इस प्रकार वह फर्जी सिमो को मोटे दामो मे ठगी करने वाले गिरोह को दे देता था।
पुलिस कार्यवाही:– सायबर क्राईम जिला भोपाल की टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही कर कानपुर, महौबा रवाना होकर 07 दिवस तक निरंतर मेहनत की गई । एंव प्राप्त साक्ष्यो व तकनीकी एनालिसिस के आधार पर अपराध करने में उपयोग किये गये कॉलिंग मोबाइल नंबर के धारक विकास साहू पिता जगदेव साहू निवासी भाटीपुरा महौबा से पूछताछ की गई । जिसके द्वारा बताया गया कि पीओएस एजेंट धीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा द्वारा फ्री सिम देने का कहकर आधार कार्ड व फेस को अपने मोबाईल से स्कैन किया और कहा कि आपकी सिम एक्टिवेट नही हो पा रही है आप फिंगर प्रिंट या फेस अपने आधारकार्ड मे अपडेट करा ले। फिर दोबारा अँगूठा (बायोमेट्रिक) मशीन मे लगवाकर सिम को एक्टिवेट कर मुझे दे दिया था । अतः मो.न. धारक विकास साहू के माननीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर कथन लेख करवाये गये जिसने स्वंय के साथ फ्राड हो जाने पुष्टि माननीय न्यायालय के समक्ष की । पीओएस एजेंट की तलाश करते हुये फर्जी तरीके से सिम एक्टिवेट कर करने वाले पीओएस एजेंट धीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा पिता रामशरण विश्वकर्मा, उम्र -30 वर्ष, निवासी- वीरभूमि डिग्री कॉलेज के पास, भाटीपुरा, मबोहा, उ.प्र तकनीकि जानकारी प्राप्त की गई एवं प्राप्त जानकारी का मैदानी स्तर पर टीम के सदस्यों द्वारा प्रयास कर महोबा उ.प्र. से गिरफ्तार किया गया एवं अपराध में प्रयुक्त 01 मोबाइल फोन, 03 सिम कार्ड, जप्त किये गये है।
पुलिस टीम:- निरी. सुनील मेहर ,उनि अंकित नायक ,प्र.आर. आदित्य साहू, आर. यतिन चौरे , आर. प्रशांत शर्मा, आर मोहित शर्मा , आर .अभिषेक चौधरी, आर. नीलेश साहू, आर. सूरज पारा, आर. शिवम् निलोसे, आर. उदित दन्डोतिया, थाना क्राईम ब्रांच भोपाल।
-: नाम आरोपीगण:-
क्रं. नाम आरोपी शिक्षा अपराध में भूमिका
1 धीरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा पिता रामशरण विश्वकर्मा, उम्र -29 वर्ष, निवासी- वीरभूमि डिग्री कॉलेज के पास, भाटीपुरा, जिला – महोबा, उ.प्र. बी.ए ठगी करने वाले गिरोह सिम उप्लब्ध कराना।
2. दुर्गेश सिंह पिता प्रहलाद सिंह उम्र -21 साल निवासी- ग्राम समाज नगर पोस्ट दहेली घाटमपुर कानपुर उ.प्र. —- (फरार आरोपी)
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सिम खरीदते समय ध्यान देने योग्य बाते-
आपके द्वारा बायोमेट्रिक मशीन पर एक बार ही फिंगरप्रिंट लगाये यदि एक से ज्यादा बार फिंगरप्रिटं लगाने को कहा जाये तो जांच ले कि आपके नाम पर एक से अधिक सिम इश्यु तो नही की गई है।
यदि आपके द्वारा आधारकार्ड या अन्य दस्तावेज का फोटोकापी दी जाती है तो उस पर (केवल सिम खरीदने के लिये) लिखकर साईन करे। इससे आपके डॉक्यूमेंट का कभी भी मिसयूज नहीं हो पाएगा
TAFCOP – आप इस पोर्टल पर जाकर पता कर सकते है कि आपके नाम पर कितनी सिम रजिस्टर्ड है , यदि सिम आपके नाम पर नही है तो उसे रिपोर्ट पर भी कर सकते है।
CEIR – मोबाईल फोन खोने/चोरी होने की स्थिति मे तुरंत www.ceir.gov.in पर रिपोर्ट करे।
CHAKSHU – यदि आपको धोखाधडी वाले काल/ मैसेज प्राप्त होते है तो चक्षु पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज करे।
NCCRP – किसी भी प्रकार की सायबर धोखाधडी होने पर तुरंत आनलाईन पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवाये।
SACHET- बैंक ,बीमा कंपनियो , म्युचल फंड्स, स्टाक ब्रोकर , सामूहिक निवेश योजनाओ पेंशन योजनाओ ,गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियो के खिलाफ शिकायत की रिपोर्ट www.sachet.rbi.org.in पर रिपोर्ट दर्ज करे।
नोटः- सायबर काईम संबंधित घटना घटित होने की सूचना भोपाल सायबर क्राइम के हेल्पलाइन नम्बर 9479990636 अथवा राष्ट्रीय हेल्पलाईन नंबर 1930 पर दे।