– * उद्देश्य:** जेंडर आधारित हिंसा की रोकथाम और पुरुषों को संवेदनशील बनाने के लिए नगर सुरक्षा समितियों का प्रशिक्षण
पुलिस उपायुक्त जोन- 4 , भोपाल के तत्वाधान में मुस्कान तथा आरंभ गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से राजीव गांधी विश्वविद्यालय के सभागार में बालिकाओं व महिलाओं पर होने वाली यौन हिंसा व अपराध की रोकथाम हेतु तथा जेंडर सेंसिटाइजेशन हेतु नगर एवं ग्राम रक्षा समिति की क्षमता विकास की जाने हेतु सामुदायिक पुलिस प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिसमे थाना गांधीनगर, थाना निशातपुरा ,थाना खजूरी, थाना छोला एवं थाना बैरागढ़ के नगर सुरक्षा समिति के 200 सदस्य शामिल हुए। आयोजित कार्यक्रम में “जिम्मेदार मर्दानगी” के महत्व पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में NGO मुस्कान की तरफ़ से राशी आसवानी, सीमा देशमुख व एनजीओ आरंभ की और से फ़ुर्क़ान अंसारी द्वारा महिला सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, और प्राथमिक चिकित्सा जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिस उपायुक्त जोन 04 श्री जितेन्द्र सिंह पंवार,सहायक पुलिस आयुक्त बैरागढ़ अनिल कुमार शुक्ला,सहायक पुलिस आयुक्त निशातपुरा श्रीमती ऋचा जैन,थाना प्रभारी निशातपुरा श्री रूपेश दुबे,थाना प्रभारी गांधीनगर सुरेश फरखले,थाना प्रभारी छोलामंदिर श्री सुरेश चंद्र नगर,थाना प्रभारी बैरागढ़ कंवलजीत सिंह रंधावा सम्मिलित हुए। साथ ही नगर रक्षा समिति के शिवनारायण व्यास जिला संयोजक नगर सुरक्षा समिति
जीवन सिंह थाना संयोजक गांधीनगर अशोक दरबार थाना संयोजक बैरागढ़ रमेश साहू थाना संयोजक छोलामंदिर संदरसिंह राजपूत थाना संयोजक निशातपुरा प्रकाश चौहान थाना संयोजक खजुरी सड़क ने भी कार्यक्रम के सुगम संचालन में भूमिका निभाई ।
*प्रशिक्षण विवरण*
1. *नगर सुरक्षा समिति की जिम्मेदारियों और भूमिका पर चर्चा:* नगर सुरक्षा समिति के कार्यों पर विशेष ध्यान देते हुए, समिति की सामुदायिक पुलिसिंग में भूमिका और जेंडर आधारित हिंसा के रोकथाम में उनकी भागीदारी पर जोर दिया गया।
2. *जेंडर और समाजीकरण के प्रभाव पर चर्चा:* जेंडर और जेंडर आधारित समाजीकरण के प्रभावों पर गहराई से चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने जेंडर संबंधी सवाल पूछे और उनके जवाबों पर विचार-विमर्श हुआ।
3. *मिथक और तथ्य:* संगिनी की डायरेक्टर प्रार्थना मिश्र ने समाज में महिलाओं और पुरुषों की पारंपरिक छवि और उनसे संबंधित मिथकों पर चर्चा की। जैसे, “महिलाओं को सहनशील बनाया गया है” और “लड़के कभी रोते नहीं”। इन मिथकों के नकारात्मक प्रभावों पर बात की गई और वास्तविकता को समझने पर जोर दिया गया।
4. *लिंग आधारित हिंसा के आंकड़े और समाधान:* लिंग आधारित हिंसा के आंकड़ों को स्लाइड प्रजेंटेशन के जरिए दिखाया गया। इसके साथ ही, हिंसा को कम करने में पुरुषों की भूमिका पर विचार किया गया।
*आगामी योजनाएं*
1. *कम्युनिटी पुलिसिंग के अंतर्गत जागरूकता अभियान:* नगर सुरक्षा समिति के साथ मिलकर समुदाय में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
2. *थानों में बैठकें:* नगर सुरक्षा समिति की पूरी टीम के साथ थानों में बैठकें आयोजित की जाएंगी।
3. *संस्थाओं के साथ सहयोग:* विभिन्न संस्थाओं को शामिल कर जेंडर आधारित हिंसा के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
4. *समुदाय में जागरूकता:* समुदाय में सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बैठकों का आयोजन किया जाएगा।
*परिचय और आइस ब्रेकिंग सत्र*
प्रतिभागियों को अपने नाम उनके अंदर कि ताक़त बताने को कहा गया। सभी ने त्योहारों और रैली के दौरान निभाई गई अपनी भूमिका पर चर्चा की। इसके अलावा, प्रतिभागियों की अपेक्षाओं और उनके डर को समझने की कोशिश की गई।
*समिति के कार्यों पर चर्चा*
फुरकान द्वारा संचालित इस सत्र में समिति की जिम्मेदारियों और सामुदायिक पुलिसिंग में उनकी भूमिका पर चर्चा हुई। लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ नगर सुरक्षा समिति की सक्रिय भागीदारी पर भी बात की गई।
*सत्र के निष्कर्ष*
सत्र के अंत में प्रतिभागियों ने इस बात पर सहमति जताई कि लिंग आधारित हिंसा को रोकने के लिए जेंडर की सैद्धांतिक समझ होना जरूरी है। सुरक्षा एजेंसियों के लोगों में लैंगिक समानता की समझ बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
*लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ प्रभावकारी हल*
लिंग आधारित हिंसा को रोकने में पुरुषों की भूमिका पर विचार-विमर्श किया गया और हिंसा के रोकथाम के लिए प्रभावकारी हलों पर चर्चा की गई। ऋचा जैन जी द्वारा आज घर पर सभी साथी पुरुष चाय बनाये और महिला साथी सहयोग करे।
इस रिपोर्ट में हुए संवाद और चर्चा को आगे की कार्य योजनाओं में शामिल किया जाएगा, ताकि जिम्मेदार मर्दानगी के कार्यक्रमों के जरिए लिंग आधारित हिंसा को कम करने में और प्रभावशाली कदम उठाए जा सकें।