- नए आपराधिक कानून के प्रावधानों एवं अधिकारों के संबंध में समस्त थानों में नए कानून पर आधारित पोस्टर, फ्लेक्स, बेनर लगाये गये
- कार्यक्रम में महिलाओ, बालक/बालिकाओं एवं गणमान्य नागरिको को नए कानून की जानकारी देकर किया गया जागरूक एवं थाने का भ्रमण कराकर पुलिस कार्यप्रणाली से कराया रूबरू
- शहर की स्मार्ट सिटी टीवी स्क्रीन पर किया जा रहा नये कानून का लगातार प्रचार
भोपालः दिनाँक 01 जुलाई 2024 से देश में नए आपराधिक कानून लागू गये है, जिसके मद्देनजर वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में नगरीय पुलिस भोपाल के सभी थानों में आज नए कानून के प्रावधानों एवं आमजन के अधिकारों के सम्बंध में महिलाओं, बालक/बालिकाओं एवं गणमान्य नागरिकों हेतु समस्त थानों में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये। साथ ही नये अपराधिक कानून आधारित फलैक्स, पोस्टर एवं डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रदर्शनी लगाई गई, ताकि आमजन नये अपराधिक कानून के प्रावधानों एवं अधिकारों से अवगत जागरूक हो सके।
जन-जागरूक्ता कार्यक्रम में आमजनों से संवाद कर नए कानून आपराधिक कानून के बारे में एवं उसके प्रावधानों एवं आमजन के अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई कि आज दिनाँक 01 जुलाई से पुराने भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम बदल गए हैं, जिनके स्थान पर नए आपराधिक कानून 1-भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2-भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), और 3- भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू हो गए हैं, जिनमें पुराने अधिनियम की धाराओं को समाहित किया गया है एवं आमजन को किन-किन प्रावधानों के तहत आमजनों को रिपोर्ट दर्ज कराने एवं अपने अधिकारो का उपयोग करने में सहायता मिल सकती है साथ ही ऑनलाईन माध्यम से एफआईआर दर्ज कराने एवं सजा के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई तथा किस प्रकार से अपने अधिकारों का उपयोग करके नए कानून का लाभ ले सकते हैं साथ ही अपराध के खिलाफ होकर कानून की मदद प्राप्त कर सकते हैं, इत्यादि जानकारी देकर जागरूक किया गयाl जागरूकता कार्यक्रम शहर के सभी थानों में आयोजित किए गए, साथ ही चारों जोन के 1-1 थानों में मुख्य रूप से ज़न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गएl
थाना चूनाभट्टी – परिसर में जनसंवाद का आयोजन किया गया, जिसमे माननीय विशेष न्यायाधीश भोपाल, कुलपति म.प्र. भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल, डॉ. विनीत कपूर पुलिस उप महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय भोपाल, पुलिस उपायुक्त जोन-4 श्री सुंदर सिंह कनेष, अति0 पुलिस उपायुक्त श्री मलकीत सिंह, अति0 पुलिस उपायुक्त श्रीमती नीतू ठाकूर, सहायक पुलिस आयुक्त श्रीमजी अंजली रघुवंशी, अधिवक्तागण, पत्रकारगण, क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि थाना क्षेत्र मे निवासरत् गणमान्य नागरिक, व्यापारीगण चिकित्सक, अधिवक्ता, सम्मानीय बुजुर्ग, थाना क्षेत्र मे संचालित स्कूलो के शिक्षक, कॉलेज के डायरेक्टर एवं प्रोफेसर, प्रत्रकारगण, महिलाओ एवं बालक-बालिकाओ पर काम कर रहे समाज सेवी एवं अन्य जनमानस के व्यक्ति उपस्थित हुये जिनके समक्ष भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2003 भारतीय न्याय संहिता-2023 एवं भारती साक्ष्य अधिनियम-2023 के संबंध मे अवगत कराया गया उक्त जनसंवाद मे करीबन 300 नागरिक उपस्थित हुये।
जागरूक्ता कार्यक्रम में पुलिस उप महानिरीक्षक डॉ. विनीत कपूर ने नये अपराधिक कानून के प्रावधानों एवं अधिकारों से आमजनों को सहुलियत एवं न्याय तथा अपराधियों को सजा के संबंध में व्यावहारिक जानकारी देकर सारगर्भित मार्गदर्शन दिया, साथ ही पुलिस उपायुक्त श्री सुंदर सिंह कनेश एवं अन्य अतिथिगणों द्वारा नये कानून के संबंध में व्याख्यान दिये एवं आम जन को जागरूक्ता का संदेश दिया।
थाना टीला – में आयोजित जन संवाद में पुलिस उपायुक्त जोन-3 श्री रियाज इकबाल ने जन संवाद संबोधन में नये अपराधिक कानून के प्रावधानों एवं अधिकारों के बारे में बारीकि से जानकारी देते हुए कहा कि अंग्रेजो के द्वारा बनाये गये कानून के परिवर्तन से आमजनों को एफआईआर से लेकर न्याय एवं आरोपितों को दण्ड मिलने में काफी आसानी होगी, साथ ही महिला संबंधी मामलों में भी बहुत से बदलाव किये गये है, जिससे पीड़िता को पुलिस से मदद मांगने में एवं कानूनी प्रक्रिया के दौरान सहुलियत रहेगी एवं अपराधियों को सजा मिल सके। संवाद उपरांत महिलाओं, बालक एवं बालिकाओं को थाने का भ्रमण कराया गया एवं पुलिस उपायुक्त श्री रियाज इकबाल द्वारा सभी को पुलिस कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया। साथ ही बच्चों द्वारा पूछे गये सवालों एवं जिज्ञासाओं का पुलिस उपायुक्त द्वारा बड़ी ही सहज, सरल एवं मित्रव्य शब्दों में जवाब दिया गया। इस दौरान अति0 पुलिस उपायुक्त श्रीमती शालिनी दीक्षित, सहायक पुलिस आयुक्त श्री निहीत उपाध्याय, थाना प्रभारी श्रीमति सरीता बर्मन, नगर रक्षा समिति जिला संयोजक श्री चौकसे एवं जनप्रतिनिधी, महिला, बालक/बालिकएं, गणमान्य नागरिक समेत लगभग 150 लोग मौजूद रहे।
थाना मिसरोद -में आयोजित कार्यक्रम में पुलिस उपायुक्त श्रीमती श्रद्धा तिवारी ने संबोधन में नये अपराधिक कानून के प्रावधानों एवं अधिकारों के बारे में बताया एवं कानून में बदलाव के बाद पीड़ित का न्याय एवं अपराधियों को सजा मिल सके। साथ ही महिला संबंधी मामलों में भी बहुत से बदलाव किये गये है, जिससे पीड़िता को कानूनी प्रक्रिया के दौरान सहुलियत एवं अपराधियों को सजा मिल सके। इस दौरान एसीपी श्री रजनीष कष्यप, एडीपीओ, अधिवक्तागण, गणमान्य नागरिक, उदय संस्था की टीम, एवं थाना प्रभारी, स्टॉफ समेत लगभग 160 लोग सम्मिलित हुए।
जनजागरूक्ता के तहत थाना जहांगीराबाद में आयोजित कार्यक्रम में पुलिस उपायुक्त श्रीमती प्रियंका शुक्ला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए में नये अपराधिक कानून में समाहित धाराओं, सजा के प्रावधानों एवं आमजनों के अधिकारों, उनके लाभ के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही उक्त कानून से पीड़ित एवं पुलिस को सहुलियत एवं जवाबदेही के संबंध मे जानकारी दी गई। इस दौरान एसीपी श्री सुनील श्रीवास्तव, स्थानीय पार्षद, अधिवक्तागण, गणमान्य नागरिक समेत करीब 130 लोग मौजूद रहे।
-ः नये कानून में क्या-क्या मूलभूत बदलाव हुए:-
1- 18 वर्ष से कम उम्र की युवती के साथ गैंगरेप करने वालों को मृत्युदंड का प्रावधान।
2- महिला से शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने या पहचान छुपाकर विवाह करने पर होगी 10 वर्ष की सजा।
3- अब किसी भी थानें में दर्ज करा सकते है एफआईआर। महिलाओं एवं बच्चों के साथ अपराध होने पर त्वरित जांच सुनवाई।
4- 7 वर्ष या उससे अधिक कारावास के अपराध/घटनाओं से जुडे़ घटना स्थल की जांच करेंगे फॉरेंिसंक एक्सपर्ट।
5- संज्ञेय अपराध की प्रारंभिक जांच 14 दिन में होगी पूरी। पुलिस को 90 दिनों के भीतर फरियादी को देनी होगी केस संे संबंधी जानकारी।
6- असंज्ञेय अपराध की सूचना प्राप्त होने की पाक्षिक रिपोर्ट पुलिस द्वारा मजिस्ट्रेट को भेजी जायेगी।
7- 14 दिन में न्यायालय को संज्ञान लेना आवष्यक होगा, ’’ट्रायल इन- एबसेंषिया का प्रावधान’’।
8- आरोप मुक्त होने का निवेदन न्यायालय में 7 दिन के भीतर करना होगा। मुकदमा समाप्ति के बाद 45 दिन मेे निर्णय देना आवष्यक।
9- अब घटना स्थल एवं गवाह के बयान की हो सकेगी वीडियों रिकॉर्डिंग।